बाढ़ से बचने रात भर पहाड़ में चढ़े रहे …8 परिवार के 15 लोगों में एक महिला की नहीं बच पाई जान

जगदलपुर । बस्तर में लगातार हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने चारों तरफ तबाही मचाई है.और इस बाढ़ से जनहानि भी हुई है. मामला दंतेवाड़ा जिले के बालूद का है जहां क्षतिग्रस्त घर गिरने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. जिसने उपचार के दौरान डिमरापाल अस्पताल में दम तोड़ दिया है. मृतका ने बाढ़ से बचने के लिए पूरी रात पहाड़ में बिताई थी. पानी से तो महिला बच गई थी. लेकिन बाढ़ के प्रभाव ने उसकी जान ले ली.

मृतका के देवर पनस कुमार गावड़े ने बताया कि 26 अगस्त को आई भयंकर बाढ़ से बचने के लिए ग्राम बालूद के कोसापारा में निवासरत 08 परिवार अपने घर से निकलकर पहाड़ में भाग गए. और उन्होंने शाम 4 बजे वे पहाड़ पर चढ़ गए. और अगले दिन जल स्तर कम होने पर नीचे घर की ओर लौटे. इस तरह पूरी रात 08 परिवार के 15 सदस्यों ने पहाड़ पर रातः काटी थी. जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे. जल स्तर कम होने पर वे घर लौटे और साफ सफाई के कार्य मे जुट गए. इसी दौरान घर का दीवार 35 वर्षीय मृतका कुमारी गावड़े के ऊपर गिर गया. जिससे सिर में गंभीर चोट आई. जिसके बाद परिवार के सदस्य ने जैसे तैसे घायल दबी महिला को बाहर निकाला. और उसे कांवड़ की सहायता से मुख्य मार्ग तक पहुंचाया जिसके बाद उसे दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में पहुंचाया गया. जहां घायल महिला की स्थिति गंभीर होने पर डिमरापाल अस्पताल रेफर किया गया. मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में ईलाज के दौरान गंभीर स्थिति में रहे बाढ़ पीड़िता की मौत हो गई. जिसका पोस्टमार्टम करके शव को अंतिम संस्कार के लिए गृह ग्राम बालूद ले जाया जा रहा है. बाढ़ ने सबकुछ तबाह किया है. सभी घर क्षतिग्रस्त हो गए. और उनके पूरे सामान बह गए. सब कुछ बर्बाद इस बाढ़ ने कर दिया. मौत भी परिवार में हो गई.

मृतका की नंनद प्रमिला गावड़े ने बताया कि मृतका के 3 बच्चे हैं. 2 बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं. वहीं एक छोटा होने के कारण आंगनबाड़ी जाता है. मृतका के पति खेती किसानी का काम करते हैं. घर गिरने से गांव में और किसी को चोट नहीं आई. लेकिन मृतिका को ही आई थी.

गांव के युवा उमेश कुमार भास्कर ने बताया कि बाढ़ के कारण बालूद ग्राम का 3 मोहल्ला फंसा हुआ था. रातः के करीब 09 बजे 1 मोहल्ले में फंसे लोगों का रेस्क्यू ग्रामीणों के द्वारा किया गया. मृतिका का परिवार ऊंचे पहाड़ पर चारों तरह के बाढ़ से फंसा हुआ था. जहां पहुंच नहीं पाए. जिला प्रशासन से मोटर बोर्ड की मांग करने पर जंगल में रेस्क्यू संभव नहीं होने की बात कही. जिसके बाद पीड़ितों के लिए भोजन रातः में भेजने की योजना थी. लेकिन बाढ़ अधिक होने के कारण सफल नहीं हुए. अगले दिन बाढ़ का जल स्तर कम होने पर नीचे उतरे थे. और क्षतिग्रस्त घर में घुसने के बाद हादसा  हुआ. जिसके कारण मौत हुई है. बाढ़ के बाद ग्राम के ही लोगों ने पीड़ित परिवारों की सहायता सभी प्रकार से की. उनके लिए राहत सामग्रियों का व्यवस्था किया गया. लेकिन मौत ने परिवार सहित पूरे गांव को मातम में तब्दील कर दिया है.

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