दंतेवाडा । जिले में मलेरिया का प्रकोप बारिश के शुरू होने के साथ ही बढ़ने लगा है इस भी जिले के आश्रम कोटा के बिल में रह रहे बच्चों की जांच की गई जांच में 350 से अधिक मलेरिया पॉजिटिव मिले इनमें से 80 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे एसीटोमेट्रिक है यानी उन्हें मलेरिया की कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं मलेरिया के लक्षण नहीं मिलने के चलते इन 80 फ़ीसदी बच्चों की संख्या ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है…..
बताया जाता है कि जिले के आश्रम कोटा केबिन में 3765 बच्चों की जांच की गई थी सबसे ज्यादा मलेरिया के मामले आश्रमों में पाए गए हैं जहां मच्छरदानी तक नहीं है नीचे 6 महीने में जिले के 15000 से ज्यादा लोगों की जांच की गई जिसमें कुल 468 मलेरिया पॉजिटिव मिल चुके हैं वहीं आश्रम कोटा के भी ना मिले मलेरिया पॉजिटिव बच्चों के आंकड़े ज्यादा चिंताजनक है जिला अस्पताल में कट की जांच सस्पेक्टेड होती है इसलिए बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों की स्लाइड से भी जांच कर उन्हें दवाइयां दी जा रही हैइधर बड़ी संख्या में आश्रमों में छात्रों के मलेरिया पॉजीटिव होने के बावजूद शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अवसर बेपरवाह बने हुए हैं आलम यह है कि आश्रमों में बिना मच्छरदानी के ही बच्चों को सोना पड़ रहा है सहायक का एक राजू नाग का कहना है कि यह कोई बड़ी बात नहीं है मच्छरदानी नहीं है तो भेज दी जाएगी नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद बच्चे घरों से आश्रम कोटा के भी ना रहे हैं जिसके चलते मलेरिया पॉजिटिव के मामले आ रहे हैं नदी बालक आश्रम में कई बच्चे बुखार से पीड़ित है जहां बच्चों को मच्छरदानी अब तक नहीं दी गई है जबकि नहरी स्वास्थ्य विभाग के लिए हाई रिस्क जोन में शामिल है…..
6 दिनों में 468 से अधिक बच्चे मलेरिया पॉजिटिव…चिंता की बात 80% में लक्षण नहीं ….
