जगदलपुर ।
बस्तर को मलेरिया मुक्त करने लगातार अभियान चलाया जा रहा है लेकिन ये अभियान जांच कीट के बिना पूरा कैसे होगा क्योंकि जब तक मलेरिया की जांच ही नहीं होगा तो पता कैसे चलेगा कि कितने लोग बस्तर में मलेरिया पॉजिटिव है या नहीं ……और जांच तब होगी जब कीट आयेगी लेकिन कीट देने के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के पास मलेरिया और डेंगू जांचने वाले कीट ही नहीं है इस लिए सीजीएमएसई जांच कीट उपलब्ध नहीं कर पा रहा है….क्योंकि सीजीएमएसई को दवा सप्लाई करने वाली ज्यादा तर दवा कंपनियों का साल भर से भुगतान बाकी है इस वजह से कोई भी कंपनियां दवाई सप्लाई करने में कतरा रही है पहले वह अपना पुराना बकाया मांग रही है सीजीएमएसई की लापरवाही के चलते समोसे बस्तर में स्वास्थ्य सुविधा विपत्ति हो चुकी है मरीज को बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है…..
बस्तर संभाग के आदिवासी बाहुबली दंतेवाड़ा सुकमा बीजापुर से लगातार खबरें आ रही है की कोटा केबिन में रह रहे सैकड़ो बच्चे मलेरिया से पीड़ित है दंतेवाड़ा में 350 सुकमा जिले में 468 बच्चे मलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं इसके अलावा इन जिलों के गांव में रहने वाले हजारों ग्रामीण भी मलेरिया से संक्रमित है……. ऐसी समस्या से निपटने ही सीजीएमएसई का गठन किया गया था ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी अस्पतालों को समय पर दवाई मिल पाए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है इस संस्था से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं जिसके चलते अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की जिम्मेदार स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने को लेकर कितने गंभीर है……