जगदलपुर । बस्तर वासियों को एक बार फिर यात्री ट्रेन सेवाओं से वंचित कर दिया गया है और 19 जुलाई तक ट्रेनों का परिचालन बस्तर तक बंद कर दिया है ….दअरसल ईस्ट कोस्ट रेलवे ने 2 जुलाई को मालीगुडा जाति के बीच भूस्खलन के कारण यात्रियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए सभी यात्री ट्रेनों को कोरापुट तक ही सीमित कर दिया है जबकि लोह अयस्क से लड़ी माल गाड़ियां हर रोज इस ट्रैक पर नियमित रूप से दौड़ रही है इससे लोगों में भारी आक्रोश और संतोष का माहौल है रेलवे के इस दोहरी रवैया पर सवाल उठाते हुए आम लोगों का कहना है कि यदि माल गाड़ियां घाटी क्षेत्र से सुरक्षित दौड़ सकती हैं तो यात्री ट्रेन क्यों नहीं रेलवे बार-बार सुरक्षा का हवाला देकर यात्री सेवाओं को स्थगित करता है जबकि माल ढुलाई को प्राथमिकता दी जा रही है…
अब तो ऐसा लगने लगा है की के-के रेल लाइन का मुख्य उद्देश्य ही माल ढुलाई है और यात्रियों को लेकर रेलवे विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती बस्तर से लोह अयस्क ले जाने के लिए 1963 में बिछाई गई के-के रेल लाइन का मूल उद्देश्य माल परिवहन था परंतु वर्षों से बस्तर वासियों ने यात्री सेवाओं के लिए इस रूट पर संघर्ष किया है अब जब सुविधा मिलने लगी हैं तो बार-बार की गई अस्थाई बंदी लोगों को रेलवे की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने पर मजबूर कर रही है…..
रेलवे का बस्तर वासियों के साथ दोहरा रवैया…17 दिनों से यात्री ट्रेन बंद पर मालगाड़िया चालू…..
