बस्तर।बारिश शुरू होते ही एक बार फिर नगर निगम की तैयारियों की पोल खुल गई है। शहर की पॉश कॉलोनियों तक में पानी भरने लगा है, और हालात ये हैं कि गायत्री नगर जैसे इलाकों में नाली का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया है।दलपत सागर वार्ड में जब लोगों ने नाराजगी जताई तो निगम का अमला हरकत में आया। राहत की कोशिशें तो शुरू हुईं, लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि अगर पहले ही नालियों की सफाई हो चुकी थी, जैसा कि निगम आयुक्त दावा कर चुके हैं तो ये हालात क्यों बने। शहर की गलियों में नाली के गंदे और बदबूदार पानी से होकर लोगों को गुजरना पड़ रहा है। अगर ऐसी स्थिति पॉश कॉलोनियों में है, तो निचली बस्तियों में हाल और भी बदतर होने की आशंका है। लोग कह रहे हैं कि अब सब्र टूट रहा है। असल में ये समस्या सिर्फ बारिश की नहीं, बल्कि बेतरतीब निर्माण की भी है। न नालियों की दिशा तय की गई और न ही कॉलोनियों के विस्तार का ध्यान रखा गया। यही वजह है कि जहां सुविधा के लिए पुलिया बनाई गई, वहीं आज वो लोगों के लिए परेशानी बन गई है। अब जब जनता नाराज़ है, महापौर भी विकल्प तलाशने की बात कर रहे हैं, लेकिन जनता की मांग साफ है सिर्फ वादे नहीं, जवाबदेही चाहिए। सवाल ये भी है कि क्या गलत निर्माण करने वाले इंजीनियर और ठेकेदारों पर कभी कोई कार्रवाई होगी। नगर निगम के दावों और जमीनी हालात के बीच की ये खाई हर बारिश में और गहरी होती जा रही है।
“पानी-पानी हुआ शहर: निगम की लापरवाही से नाराज़ जनता”
