आदि कर्मयोगी अभियान: जनजातीय गांवों में विकास का नया अध्याय, व्यापक सर्वेक्षण जारी

जगदलपुर । भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ’’आदि कर्मयोगी अभियान’’ के तहत जिले  के जनजातीय बहुल गांवों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना है।
            इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ’’जनजातीय ग्राम कार्ययोजना’’ है, जिसे ’’ग्राम विजन 2030’’ के रूप में जाना जाएगा। इस योजना के तहत ग्रामीण और अधिकारी-कर्मचारी मिलकर गांवों के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार कर रहे हैं। इस सर्वेक्षण के माध्यम से गांवों में बुनियादी सुविधाओं, जैसे कि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा की उपलब्धता की जानकारी जुटाई जा रही है। इसका मुख्य लक्ष्य हरेक जनजातीय परिवार को जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किए जाने सुनिश्चित करना है। सर्वेक्षण के साथ ही ’’आदि सेवा केंद्र’’ स्थापित करने की योजना भी चल रही है। ये केंद्र जनजातीय समुदायों के लिए एक-स्टॉप सर्विस सेंटर के रूप में कार्य करेंगे, जहां उन्हें सभी जनहितकारी योजनाओं और लोक सेवाओं के बारे में जानकारी मिलेगी और उनकी समस्या-शिकायतों का निवारण किया जाएगा। यह कदम जनजातीय क्षेत्रों में जवाबदेही के साथ विकास को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
          बस्तर जिले में आदि कर्मयोगी अभियान के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 377 ग्रामों का चयन किया गया है। जिसके तहत जगदलपुर विकासखंड में 55, बस्तर में 78, बकावण्ड में 75, दरभा में 40, तोकापाल में 67, बास्तानार में 23 और लोहण्डीगुड़ा  विकासखण्ड में 39 ग्रामों को चयनित किया गया है। मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण के अंतर्गत आदिम जाति विभाग, शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला बाल विकास, कृषि विभाग एवं वन विभाग के 70 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत इन विभागों के अधिकारियों,-कर्मचारियों, शिक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को ’’आदि कर्मयोगी एवं आदि साथी’’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। ये लोग गांवों में समुदाय के साथ सहभागिता निभाकर कार्य करेंगे और पीएम जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना जैसी योजनाओं को गांवों में प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेंगे। इस अभियान में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है, जो इसे एक वैश्विक स्तर की पहल बनाता है। इस अभियान को ’’जनजातीय गौरव वर्ष’’ के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य ’’विकसित भारत 2047’’ के सपने को साकार करना है, जिसमें जनजातीय समुदायों को विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।

Share :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *