जगदलपुर । बस्तर दशहरे का प्रमुख आकर्षण फूल रथ की दूसरी परिक्रमा गुरुवार को की गई। फूल रथ में सवार होने के बाद मां दंतेश्वरी के छत्र और डोली को बस्तर पुलिस के जवानों ने हर्ष फायर कर सलामी दी।
बस्तर दशहरा, जो 75 दिनों तक चलने वाला दुनिया का सबसे लंबा दशहरा उत्सव है, अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन परंपराओं में “फूल रथ परिक्रमा” का विशेष महत्व है।
बस्तर दशहरा के दौरान “जोगी बिठाई” के विधान के बाद अगले पांच दिनों तक फूल रथ परिक्रमा निकाली जाती है। यह एक महत्वपूर्ण रस्म है जिसमें मां दंतेश्वरी की छत्र को रथ पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाता है। इस वर्ष नवरात्रि पर्व के दौरान तृतीया तिथि दो दिनों तक रहने के कारण 24 से 29 सितम्बर तक अर्थात 6 दिनों तक फूल रथ की परिक्रमा होगी।
फूल रथ एक विशालकाय, दो-मंजिला लकड़ी का रथ होता है, जिसे विशेष रूप से इस उत्सव के लिए बनाया जाता है। इसे फूलों और अन्य पारंपरिक साज-सज्जा से सजाया जाता है, इसीलिए इसे “फूल रथ” कहा जाता है।
इस रथ को खींचने का कार्य जगदलपुर के आसपास के आए सैकड़ों ग्रामीण स्वेच्छा से करते हैं। वे सदियों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वाह करते आ रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि मां दंतेश्वरी फूल रथ पर सवार होकर अपने भक्तों का सुख-दुख जानने के लिए नगर भ्रमण करती हैं। इस रथ का दर्शन करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रथ परिक्रमा से पहले और दौरान बस्तर पुलिस के जवानों द्वारा हर्ष फायर कर मां दंतेश्वरी के छत्र को सलामी दी जाती है, जो इस परंपरा के सम्मान और महत्व को दर्शाता है।




