
कमिश्नर बस्तर श्री डोमन सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक*
*आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने करें सार्थक प्रयास-कमिश्नर श्री डोमन सिंह*
*मोतियाबिंद जांच एवं ऑपरेशन में अद्यतन प्रगति लाने के निर्देश*
जगदलपुर । कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह ने कहा कि अंचल के जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और उपचार सुविधाएं देने के लिए संवेदनशीलता के साथ सार्थक प्रयास करें। इस दिशा में जिला अस्पताल सहित सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाएं, साथ ही मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों के द्वारा अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करें। कमिश्नर बस्तर संभाग श्री डोमन सिंह ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ्य विभाग की विस्तृत समीक्षा के दौरान उक्त निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान में विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व और नवरात्र के मद्देनजर मां दन्तेश्वरी शक्तिपीठ में दर्शनार्थ आने वाले पदयात्रियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर जोर देते हुए पदयात्रियों के लिए पदयात्री सेवा केंद्रों में प्राथमिक उपचार व्यवस्था, मेडिकल टीम की रोस्टर के अनुरूप ड्यूटी सुनिश्चित करने सहित सम्बंधित ईलाके के स्वास्थ्य केन्द्रों पर इमरजेंसी सर्विसेस को 24 घण्टे सक्रिय रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कमिश्नर ने शासन की मंशानुरूप आयुष्मान भारत से हरेक जरूरतमंद को उपचार सुविधाओं की उपलब्धता हेतु आयुष्मान कार्ड पंजीयन प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया कि आयुष्मान कार्ड का सेचुरेशन जल्द से जल्द सुनिश्चित करने की दिशा में विशेष अभियान चलाकर शिविर लगाकर लक्षित सभी लोगों का पंजीयन किया जाए। पंजीयन से छूटे हुए व्यक्तियों को लक्षित कर प्रत्येक सप्ताह सूची को अपडेट करें और पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों एवं अन्य मैदानी अमले के सहयोग से इन लक्षित लोगों को लाभान्वित करने पहल किया जाए। उन्होंने कलस्टर एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित पंजीयन शिविरों के बारे में सम्बंधित ईलाके के हाट-बाजारों एवं गांवों में कोटवारों के जरिए नियमित तौर पर मुनादी करवाए जाने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने मोतियाबिंद जांच एवं ऑपरेशन हेतु ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते हुए कहा कि सबसे पहले दोनों आंख के पीड़ितों को प्राथमिकता दी जाए। चिन्हित मरीजों को निर्धारित एसओपी के अनुरूप ऑपरेशन थियेटर एवं अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर लाभान्वित किया जाए। सर्जन की उपलब्धता के लिए स्थानीय स्तर पर समन्वय करने सहित अनुबंध के आधार पर भी विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाए। कमिश्नर ने क्षय रोग उन्मूलन की गहन समीक्षा के दौरान क्षय रोग पीड़ितों को पौष्टिक आहार प्रदाय हेतु सभी ग्राम पंचायतों को निक्षय मित्र बनाने पर बल देते हुए कहा कि इस पहल के जरिए सम्बंधित पीड़ित की देखरेख में स्थानीय समुदाय भी सहभागिता निभाएगी। उन्होंने जिला एवं ब्लॉक स्तर के शासकीय कार्यालयों को भी निक्षय मित्र बनाने के निर्देश दिए और स्वयंसेवी संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों को इस पुनीत कार्य के लिए स्वेच्छा के अनुरूप जुड़ने के लिए उन्हें अभिप्रेरित किए जाने कहा। वहीं निजी नर्सिंग होम सहित क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब को अनिवार्य रूप से निक्षय मित्र बनाने के निर्देश दिए।
*नियमित लगाएं हाट-बाजार स्वास्थ्य शिविर*
कमिश्नर ने कहा कि बस्तर में हाट-बाजार का एक अलग महत्व एवं अस्तित्व है जिसमें सबसे ज्यादा जरूरतमंद आबादी निर्भर है। इसे ध्यान रखकर हाट-बाजार में अंदरूनी ईलाके से आए ग्रामीणों को स्वास्थ्य जांच, उपचार एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित करने के लिए सकारात्मक पहल किया जाए। इन स्वास्थ्य शिविरों में ब्लॉक स्तरीय मेडिकल टीम सहित नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के अमले की तैनाती सुनिश्चित करने के साथ ही प्रत्येक सप्ताह के कार्यों की मॉनिटरिंग किया जाए। उन्होंने मोबाईल मेडिकल यूनिट की उपयोगिता साबित करने के लिए भी कहा। वहीं अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाओं एवं जरूरतों को सुदृढ़ करने पर बल देते हुए जिला एवं अनुविभाग स्तरीय जीवनदीप समिति की बैठक नियमित रूप से किए जाने कहा। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बांडेड डॉक्टरों को प्रभारी चिकित्सक का दायित्व सौंपकर जनता को इन युवा डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
*आश्रम-छात्रावास के बच्चों का नियमित करें स्वास्थ्य परीक्षण*
कमिश्नर ने स्कूल, आश्रम-छात्रावास सहित आवासीय विद्यालयों के बच्चों का नियमित तौर पर स्वास्थ्य परीक्षण करने पर बल देते हुए कहा कि इन संस्थाओं के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी हम सभी की है। इसे ध्यान रखकर यहां के बच्चों का स्वास्थ्य जांच के साथ ही जरूरत के अनुरूप ईलाज के लिए भी पहल किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण कार्यक्रम की सेवाओं की उपलब्धता पर फोकस करें, जिससे स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से संस्थागत प्रसव तथा इससे जुड़ी योजनाओं के कारगर कार्यान्वयन में उपलब्धि हासिल हो सके। बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन, अधोसंरचना जरूरतों एवं उपकरणों की उपलब्धता इत्यादि की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। बैठक में डिप्टी कमिश्नर गीता रायस्त, सयुंक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ शांडिल्य, सीएमएचओ डॉ संजय बसाक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। वहीं जिलों से सम्बंधित सीएमएचओ,डीपीएम और बीएमओ वर्चुअल तौर पर जुड़े रहे।