नक्सलियों ने कहा सीजफायर की बात…एक माह की मांगी मोहलत…जानिए पूरी खबर

जगदलपुर ।  पिछले 4 दशकों से बस्तर में पैंठ  जमाये बैठे माओवादी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं… पिछले कुछ महीनो से लगातार माओवादी संगठन पत्र जारी कर सरकार से शांति वार्ता की अपील कर रहे हैं.. मंगलवार की शाम भी नक्सलियों के सबसे बड़े प्रवक्ता अभय द्वारा जारी प्रेस नोट और ऑडियो ने केंद्र और राज्य सरकार को अब नक्सलियों से युद्ध को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है…हालांकि पुलिस की खुफिया विभाग की टीम  नक्सलियो के इस प्रेसनोट और ऑडियो की जांच कर रही है.. लेकिन जिस तरह से नक्सली संगठन को नक्सल विरोधी अभियान से लगातार पहुंच रहे नुकसान से सरकार के प्रति रवैया में बदलाव आया है ऐसे में माना जा रहा है कि बस्तर में अब नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसे ले रहा है.. और इसके चलते लगातार सरकार से शांति वार्ता की अपील कर रहा है.. बकायदा माओवादी संगठन के प्रवक्ता अभय ने अपने प्रेसनोट में पिछले 20 महीनो से संगठन को पहुंचे नुकसान की जानकारी देते हुए हथियारबंद  संघर्ष को अस्थाई रूप से त्यागने की बात लिखी है…हालांकि जनता के लिए बिना हथियार उठाये अपना संघर्ष जारी रखने का भी जिक्र किया है…इधर प्रेस नोट में कितनी सत्यता है और क्या वाकई माओवादी संगठन के सबसे बड़े प्रवक्ता अभय ने इस प्रेस नोट को जारी किया है इसको लेकर पुलिस विभाग के आला अधिकारी जांच कर रहे है और जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कह रहे है….

इधर नक्सल मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार विकास तिवारी का कहना है कि नक्सलियों द्वारा जारी शांति वार्ता को लेकर यह पहला प्रेस नोट नहीं है पिछले कुछ महीनो से लगातार नक्सली शांति वार्ता को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं.  बीते 21 मई  को नारायणपुर मुठभेड़ में माओवादी संगठन के महासचिव बसवराजू के मौत के बाद नक्सलियों ने शांति वार्ता की बात को लेकर लगातार प्रेसनॉट जारी किया है, इससे पहले भी नक्सलियों ने 11 पन्नों का विज्ञप्ति जारी किया था और जिसमें पिछले कुछ सालों से लगातार नक्सलियो के खिलाफ चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से पहुंचे नुकसान की भी जानकारी दी थी.. हालांकि माओवादी संगठन में शीर्ष नेताओं के मारे जाने से जरूर संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचा है, जिसके बाद अन्य शीर्ष नेताओ को सोचने में मजबूर कर दिया है कि आगे यह लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी.. हालांकि जिस तरह से नक्सलियों के सबसे बड़े प्रवक्ता वेणुगोपाल उर्फ़ सोनू उर्फ भूपति ने अपनी तस्वीर के साथ एक्सप्रेस नोट को जारी किया है ऐसे में कहा जा सकता है कि नक्सली अब शांति वार्ता के लिए आगे आने को तैयार है.. साथी नक्सलियों ने अपने प्रेस नोट में देश के प्रधानमंत्री गृह मंत्री मुख्यमंत्री के लिए अपने शब्दों में बदलाव किया है और माननीय जैसे शब्द लिखे हैं ऐसे में यह माना जा सकता है कि संगठन अब 4 दशकों की इस समस्या को शांति वार्ता कर खत्म करना चाहती है…
लेकिन अब देखना होगा कि इसको लेकर सरकार का क्या रुख होता है…

इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और जगदलपुर के विधायक किरण देव का कहना है कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने जो कहा वह कर दिखाया है..  मार्च 2026 आने से पहले नक्सली पूरी तरह से हथियार डालने के मूड में नजर आ रहे हैं… यही वजह है कि लगातार नक्सली शांति वार्ता को लेकर अपील कर रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब बस्तर पूरी तरह से नक्सलवाद मुक्त होगा ,हालांकि नक्सलियों से शांति वार्ता को लेकर देश के प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री और नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री ही फैसला ले सकते हैं.. लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि अब नक्सली पूरी तरह से बैकफुट पर है और बस्तर जल्द ही पूरी तरह से नक्सलवाद मुक्त होने जा रहा है…..

Share :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *