3 महीने के बच्चें का होना था ऑपरेशन, लेकिन भूख से मर गया मेरा बच्चा’ माता-पिता का आरोप, डॉ. व अस्पताल पर शिक़ायत दर्ज

रायपुर । छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के दलपत सागर वार्ड में स्थित माँ दंतेश्वर ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर अस्पताल में पड़ताल में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, इस अस्पताल में प्रेक्टिस कर रहे एक डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन  की लापरवाही से 3 महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई थी ,और अब इस मामले में बच्चे के माता-पिता ने अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाही की मांग को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और बोधघाट थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.. मासूम बच्चे के माता-पिता का कहना है कि बीते 3 फरवरी को उनके बच्चे की इसी अस्पताल में  लापरवाही के चलते  मौत हुई थी जिसके बाद पूरा परिवार सदमे में था…..

अवैध रूप से चल रहे दंतेश्वरी हॉस्पिटल की लगातार खबर प्रकाशित होने के बाद बच्चे के माता-पिता ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही  बताते हुए संबधित डॉक्टर और अस्पताल पर कार्यवाही कराने की मांग की है, और इसके लिए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है..

जगदलपुर शहर के नयामुंडा निवासी आशीष मंडल और उनकी पत्नी निशा मंडल ने बताया कि उनका बेटा मिताश मंडल स्वस्थ पैदा हुआ था, जन्म के समय उसका वजन 3 किलो 200 ग्राम था, करीब 3 महीने के बाद उनके बच्चे का सिर थोड़ा बड़ा होने लगा, पहले उन्होंने शिशु रोग विशेषज्ञ तरुण नायर  को दिखाया लेकिन डॉक्टर ने इसे न्यूरो का केस होने से इलाज करने से मना कर दिया और उन्हें बेहतर ईलाज के लिए बाहर रेफर करने को कहा, जिसके बाद बच्चे के माता-पिता ने शहर के ही नामचीन डॉक्टर  डॉ. दुल्हानी को अपने बच्चे को दिखाया, जिसके बाद डॉ. दुल्हानी ने मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर मे प्रैक्टिस कर रहे न्यूरोसर्जन डॉ. पवन बृज को दिखाने की सलाह दी, इसके बाद वह अपने बच्चे को लेकर दंतेश्वरी हॉस्पिटल पहुचे,  इस दौरान वहाँ मौजूद डॉक्टर पवन बृज ने उनसे कहा कि उनके बच्चे का ऑपरेशन करना पड़ेगा और 20 मिनट में ऑपरेशन सफल हो जाएगा, डॉक्टर से आश्वासन मिलने के बाद माता-पिता ने अपने बच्चे को बीते 3 फरवरी को दंतेश्वरी अस्पताल में भर्ती कराया, बच्चे की मां निशा मंडल ने बताया कि ऑपरेशन से एक दिन पहले  उनके पति आसिष मंडल शहर से बाहर थे..भर्ती के दौरान उनके 3 महीने के बच्चे को नॉर्मल वार्ड में ही रखा गया, बच्चों के लिए अलग से कोई वार्ड अस्पताल में  नहीं था, डॉक्टर ने भरोसा दिया था कि ऑपरेशन सफल हो जाएगा.. भर्ती होने के अगले दिन अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि शाम 4 बजे डॉक्टर पवन बृज अस्पताल पहुंचेंगे और उसके बाद उनके बच्चे का ऑपरेशन होना है, इस वजह से बच्चे को दोपहर 2:00 बजे के बाद से भूखे पेट रखने को कहा , बच्चे की मां निशा मंडल का कहना है कि ऑपरेशन 4 बजे होना था लेकिन शाम को 6:00 बजे तक भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे, भूख की वजह से उनका बच्चा लगातार रोने लगा, शाम के साढ़े 6 बज गए इसके बावजूद भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे, नर्स के द्वारा केवल आश्वासन दिया जा रहा था कि कुछ देर में ऑपरेशन किया जाएगा लेकिन उनका बच्चा भूख के मारे रोते रहा.. तकरीबन शाम 6 बजे के बाद डॉक्टर हॉस्पिटल पहुंचने के बाद परिजनों को उम्मीद जगी की अब ऑपरेशन के बाद बच्चा स्वस्थ हो जाएगा. बच्चे का ऑपरेशन होता इससे पहले की ऑपरेशन शुरू हो पाता रात करीब 8:15 बजे उनके बच्चे के शव को उन्हें सौंप दिया गया और बताया गया कि बच्चे की धड़कन काफी धीमी चल रही थी इस वजह से ऑपरेशन नहीं किया गया..

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बच्चे की माँ निशा मंडल का कहना है कि अस्पताल में भर्ती कराने से पहले उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था, लेकिन ऑपरेशन के दिन दोपहर  2  बजे से रात 8:00 तक बच्चे  को फीडिंग कराने नहीं दिया गया जिस वजह से भूख के चलते उनके बच्चे की मौत हो गई…. बच्चे के माता-पिता ने डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही के चलते उनके बच्चे की मौत होना बताया है ,बच्चे  की मां ने यह भी बताया कि उनके बच्चे की मौत होने के बाद डॉक्टर पवन बृज ने परिजन से किसी तरह की बात नहीं की और ना ही उनसे मुलाकात की.. ऑपरेशन के नाम पर दवाई और भर्ती के लिए उनसे करीब 70 हजार रुपए फीस ले लिए गए.. हालांकि बच्चे की मौत के दूसरे दिन परिजनों द्वारा अस्पताल में हो हंगामा करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें पैसे वापस लौटा दिए… बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि डॉक्टर पवन बृज और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते  उनके बच्चे की मौत हो गई ,उन्हें अब इंसाफ चाहिए..अवैध रूप से चल रहे अस्पताल को सील करना चाहिए और डॉक्टर पवन बृज पर कार्यवाही होना चाहिए..न्याय की मांग को लेकर बच्चे के माता पिता ने बोधघाट थाना और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी को लिखित में अस्पताल प्रबधंन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है..

हालांकि इस मामले पर डॉ. पवन बृज से उनका पक्ष जानने 2 बार अर्बन टाइम्स की टीम ने फ़ोन किया यहां तक कि मेसेज में भी वर्जन लेने की बात लिखी लेकिन डॉ. के तरफ से ना ही फ़ोन उठाया गया ना ही मेसेज का रिप्लाइ किया गया। ख़बर लिखने तक डॉ के तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई।

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