कोंडागांव। छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी घुसपैठ और अवैध रूप से निवास कर रहे अप्रवासियो और बिना वैध दस्तावेजों के रहने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों की पहचान और उन पर प्रभावी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है, इस टीम के द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में अभियान चलाकर बांग्लादेशी घुसपैठियों अवैध रूप से निवास कर रहे लोगों की दस्तावेज की जांच की जा रही है, वहीं केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद छत्तीसगढ़ से 30 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा गया … इधर छत्तीसगढ़ में घुसपैठियों के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्रवाई कर रहे राज्य सरकार की पुलिस पर आरोप लगने भी शुरू हो गए हैं…. कोंडागांव जिले में बीते 12 जुलाई को भी सिटी कोतवाली पुलिस ने 12 मजदूरो पर बीएनएस 128 के तहत कार्यवाही कर गिरफ्तार किया है ,पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इन 12 मजदूरों के पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है, गैरकानूनी रूप से यह मजदूर यहां रह रहे थे जिन्हें गिरफ्तार किया गया है… ये सभी पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के थानापारा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले है, इस गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने छत्तीसगढ़ के कोंडागांव पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, सांसद महुआ मोईत्रा ने सोशल मीडिया में एक वीडियो जारी कर मजदूरों की गिरफ्तारी को गलत ठहराया है, उनका कहना है कि कोंडागांव जिले के अलबेढ़ा पारा में निजी स्कूल के निर्माण कार्य में लगे 12 मजदूरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और इन पर बीएनएस 128 के तहत कार्यवाही कर जगदलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है, टीएमसी सांसद का कहना है कि इन मजदूरों के पास आधार कार्ड से लेकर सभी दस्तावेज मौजूद है, बावजूद इसके गैर कानूनी तरीके से इनकी गिरफ्तारी की गई है….
कोंडागांव पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक घुसपैठियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में बीते 30 जून से अब तक 150 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें से लगभग 70 लोगों के खिलाफ बीएनएस 128 के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया है, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास कोई भी वैध दस्तावेज मौजूद नहीं थे, साथ ही वे गैर कानूनी तरीके से रह रहे थे ,इनमें गिरफ्तार आरोपियों में कई बांग्लादेशी भी शामिल है, जो कोंडागांव जिले में रहकर फेरी का काम और मजदूरी का काम कर रहे थे, इनसे पूछताछ के बाद पहचान पत्र मांगे गए और यहां रहने के उसके कागजात मांगे गए लेकिन उनके पास कोई कागजात मौजूद नहीं थे ,जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई, वहीं कई लोगों को जिले से बाहर कर दिया गया है… इधर बीते 12 जुलाई को भी जिले के आमाबेड़ा पारा में निजी स्कूल के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी पूछताछ की गई, उनमें से 12 मजदूर बाहर से आकर अवैध रूप से निवास कर रहे थे, उनके ठेकेदारों से उनके दस्तावेज भी मांगे गए लेकिन कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए, जिसके बाद 12 में से 9 लोगों को जेल भेज दिया गया है….
कोंडागांव पुलिस के द्वारा 12 जुलाई को जिन 12 मजदूरों में से 9 मजदूरों को गिरफ्तार जेल भेजा गया है, उनमें सोहेल एसके, सहाबुल एसके ,इनामुल मंडल, रहीम शेख ,सायन एसके, महबूब शेख, मोनिरुल इस्लाम और रिपन एसके और एक अन्य शामिल है… यह सभी पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के थानापारा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आसपास के ही इलाके के रहने वाले हैं जो मजदूरी करने छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिला आए हुए थे…. इनकी गिरफ्तारी के बाद से बवाल मच गया है ,पश्चिम बंगाल कृष्णानगर के टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कोंडागांव पुलिस के ऊपर सीधे-सीधे इन मजदूरों को अगवा कर जेल भेजने का आरोप लगाया है.. टीएमसी सांसद ने दावा किया है कि जिन मजदूरों को घुसपैठी बताकर कोंडागांव पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनके पास सभी पहचान पत्र और दस्तावेज मौजूद हैं ,लेकिन इन मजदूरों के बारे में कोंडागांव पुलिस ने उनके घर वालों को किसी तरह की सूचना नहीं दी ,उनके मोबाइल जप्त कर लिए गए ,उन्हें वकील से बात करने तक नहीं दिया गया, जो कि छत्तीसगढ़ और कोंडागांव पुलिस की दादागिरी को दर्शाता है…. सांसद ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल से मजदूरी के लिए गये इन मजदूरों को सीधे जेल भेजा गया है जो कि सरासर गलत है ,उन्होंने बताया कि कोंडागांव एसपी अक्षय कुमार से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा है कि इन आरोपियों में अनाचार के आरोपी शामिल है जिन्होंने आदिवासी महिला के साथ अनाचार किया है लेकिन टीएमसी सांसद का कहना है कि ऐसी कोई भी एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, झूठे केस लगाकर उन पर बीएनएस 128 की धारा लगाकर कार्यवाही की जा रही है उनके परिवार वालों को संपर्क करने नहीं दिया जा रहा है….
इधर इस मामले में बस्तर सांसद महेश कश्यप का कहना है कि महुआ मोइत्रा को बस्तर के बारे में और इस मामले में बोलने का अधिकार नहीं है, जिस तरह से पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी लोगों को शरण देकर बंगाल को बर्बाद करने का काम टीएमसी के द्वारा किया जा रहा है हम बस्तर में ऐसा होने नहीं देंगे…. सांसद महेश कश्यप ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है , घुसपेठियो को सजा मिलना नहीं मिलना यह न्यायालय का काम है, ऐसे में उन्हें इस मामले में कुछ बोलने की जरूरत नहीं है….