बस्तर दशहरा: रथ परिक्रमा पथ पर अंडरग्राउंड वायरिंग का कार्य तेज, 5.19 करोड़ की लागत से हो रहा कार्य

जगदलपुर । विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा, जो अपनी अनूठी परंपराओं और 75 दिनों तक चलने वाले उत्सव के लिए जाना जाता है, इस बार और अधिक सुरक्षित और भव्य होने की ओर अग्रसर है। उत्सव के प्रमुख आकर्षण रथ परिक्रमा को निर्बाध और सुरक्षित बनाने के लिए रथ परिक्रमा पथ पर अंडरग्राउंड वायरिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 5 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत आने का अनुमान है। यह परियोजना बस्तर दशहरा समिति की बरसों पुरानी मांग को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से गति मिली है।

*बस्तर दशहरा समिति की थी लंबे समय से चली आ रही मांग*

बस्तर दशहरा समिति पिछले कई वर्षों से रथ परिक्रमा मार्ग पर ऊपरी विद्युत तारों को हटाकर अंडरग्राउंड वायरिंग की मांग करती आ रही थी। ऊपरी तारों के कारण रथ परिक्रमा के दौरान कई बार बाधाएं उत्पन्न होती थीं, जैसे तारों का टूटना, शॉर्ट सर्किट का खतरा और बारिश के मौसम में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान। इन समस्याओं से न केवल रथों का संचालन प्रभावित होता था, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा को भी खतरा रहता था। समिति ने बार-बार प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की थी, ताकि उत्सव की गरिमा और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
*विधायक की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल*

समिति की मांग पर तथा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय विधायक श्री किरण देव द्वारा रथ परिक्रमा पथ पर अंडरग्राउण्ड वायरिंग की अनुशंसा की गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को देखते हुए इस मांग को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में इस परियोजना को मंजूरी दी गई और 5 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से अंडरग्राउंड वायरिंग का कार्य शुरू किया गया। श्री साय ने इस परियोजना को न केवल उत्सव की सुरक्षा के लिए, बल्कि बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण बताया है। उनकी इस पहल को स्थानीय निवासियों और बस्तर दशहरा समिति ने सराहा है, क्योंकि यह परियोजना न केवल उत्सव को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि क्षेत्र की बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को भी मजबूत करेगी।

*फूल रथ परिक्रमा पथ पर कार्य पूर्ण, मुख्य पथ पर तेजी से प्रगति*

बस्तर दशहरा, जो अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता के लिए देश-विदेश में जाना जाता है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। रथ परिक्रमा, जिसमें मां दंतेश्वरी का छत्र शहर के मार्ग से गुजरता है, इस उत्सव का मुख्य आकर्षण है। विद्युत विभाग के अनुसार, फूल रथ परिक्रमा पथ पर अंडरग्राउंड वायरिंग का कार्य पहले ही सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। अब मुख्य रथ परिक्रमा पथ पर यह कार्य तेजी से चल रहा है। इस परियोजना से ऊपरी तारों के कारण होने वाली समस्याएं, जैसे तारों का टूटना या शॉर्ट सर्किट, पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी, जिससे रथों का संचालन निर्बाध और सुरक्षित होगा।

*विजय रथ के लिए विशेष तैयारी*

बस्तर दशहरा के अंतिम चरण में होने वाली विजय रथ परिक्रमा उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है। इस दौरान भारी-भरकम रथों को श्रद्धालु खींचते हैं, और हजारों लोग इस दृश्य को देखने के लिए उमड़ पड़ते हैं। विजय रथ के सुचारू संचालन के लिए विद्युत कम्पनी ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। रथ मार्ग पर मौजूद सभी विद्युत पोल, तार और अन्य संभावित बाधाओं की जांच की जा रही है। टीमें दिन-रात काम कर रही हैं ताकि रथ परिक्रमा के दौरान किसी भी तरह की तकनीकी या विद्युत संबंधी बाधा उत्पन्न न हो। विद्युत कम्पनी के अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

*सुरक्षा और सौंदर्य का संगम*

अंडरग्राउंड वायरिंग परियोजना का एक अन्य महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इससे शहर का सौंदर्य भी बढ़ेगा। ऊपरी तारों और बिजली के खंभों के बगैर रथ परिक्रमा मार्ग और आसपास का क्षेत्र अधिक व्यवस्थित और आकर्षक दिखाई देगा। यह परियोजना स्थानीय निवासियों के लिए भी दीर्घकालिक लाभकारी साबित होगी, क्योंकि इससे बिजली आपूर्ति में स्थिरता आएगी और मौसम संबंधी समस्याओं का प्रभाव कम होगा।
बस्तर दशहरा समिति के एक सदस्य ने कहा, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हमारी वर्षों पुरानी मांग को पूरा करके बस्तर की जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है। यह परियोजना उत्सव की सुरक्षा और सुगमता के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।

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