जगदलपुर । बस्तर में पिछले दिनों लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। नदी-नाले उफान पर रहे और कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात बने। सबसे अधिक प्रभावित इलाका लोहंडीगुड़ा ब्लॉक का मांदर गांव रहा, जहां भारी तबाही देखने को मिली थी। इसी अनुभव से सबक लेते हुए अब जिला प्रशासन और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने संयुक्त रूप से बाढ़ से निपटने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया। अपर कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति में तेज़ और व्यवस्थित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। मॉकड्रिल के दौरान बाढ़ के हालात को रीक्रिएट कर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने, राहत शिविरों में ले जाने और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सीय सुविधा दिलाने की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।
इस अभियान में प्रशासन के सभी महत्वपूर्ण विभाग शामिल किए गए PWD, खाद्य विभाग, वेटनरी विभाग समेत कई अन्य विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई। अधिकारीयों का कहना है कि इस अभ्यास से हर विभाग अपनी भूमिका और कार्यप्रणाली को और बेहतर तरीके से समझ सकेगा। अपर कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि वर्षा ऋतु में ऐसे मॉकड्रिल जरूरी होते हैं, ताकि किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में तैयारी पूरी हो और प्रशासन त्वरित कार्रवाई कर लोगों की जान-माल की रक्षा कर सके।
