जगदलपुर । नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी जिला और ब्लॉक का संपूर्णता अभियान के तहत चिन्हांकित 6 सूचकांकों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए बस्तर जिला को राज्य स्तर पर आकांक्षी जिला का गोल्ड पदक प्रदान किया गया। इसके अलावा आकांक्षी ब्लॉक तोकापाल विकासखंड को कांस्य पदक दिया गया है । रायपुर स्थित सर्किट हाऊस के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के द्वारा कलेक्टर हरिस एस और पूर्व कलेक्टर विजय दयाराम के. ने पुरुस्कार ग्रहण किया ।
कलेक्टर हरिस एस ने बताया कि नीति आयोग के द्वारा आकांक्षी जिला एवं आकांक्षी विकासखण्ड के अंतर्गत सम्पूर्णता अभियान 4 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 संचालित किया गया था। जिसका मुख्य उददेश्य 6 सूचकांकों में सम्पूर्णता प्राप्त करना था। स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत 6 इंडिकेटर में शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करना था। सम्पूर्णता अभियान के तहत कृषि विभाग द्वारा 8500 किसानों का स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाकर वितरण किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सातों विकासखण्डों में एएनसी पंजीयन के तहत 1922 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया। शिशुओं का शत्-प्रतिशत् टीकाकरण के तहत सातों विकासखण्डों से 1801 शिशुओं का टीकाकरण किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा पूरक पोषण के तहत जिलें के 7894 को पूरक पोषण आहार उपलब्ध करवाया गया। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा 177 स्कूलों में विद्युत व्यवस्था सुनिश्यिचत की गई और समग्र शिक्षा के माध्यम से पाठ्यपुस्तकों का वितरण सुनिश्चित किया गया । इस सम्पूर्णता अभियान के सफल संचालन के लिए सकारात्मक परिणाम के साथ हमने बस्तर जिले में महत्वपूर्ण चरण को पूरा किया है। इस अवधि में सभी 6 इंडिकेटर पर कार्य करते हुए ग्रामीण एवं अंदरूनी क्षेत्र मे लाभार्थियों को सेवा प्रदान किया गया। पंचायत विभाग ने कार्यो के क्रियान्वयन करवाने प्रमुख भूमिका निभाई। सभी विभागों के प्रयास से और जनभागीदारी से लक्ष्य को प्राप्त किया गया है और यह निरंतर जारी रहेगा। बस्तर जिला को आकांक्षी जिला के तहत् राज्य में गोल्ड तथा आकांक्षी ब्लॉक के तहत तोकापाल को कांस्य पदक मिला है।
ज्ञात हो कि जनवरी 2018 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) का उद्देश्य देश भर के 112 सबसे कम विकसित जिलों का त्वरित और प्रभावी रूप से कायाकल्प करना है। इस कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा में अभिसरण (केंद्रीय और राज्य योजनाओं का), सहयोग (केंद्रीय, राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों और जिला कलेक्टरों का), और मासिक डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा शामिल है; ये सभी एक जन आंदोलन द्वारा संचालित हैं।
राज्यों को मुख्य संचालक मानते हुए, यह कार्यक्रम प्रत्येक ज़िले की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करता है, तत्काल सुधार के लिए आवश्यक कार्यों की पहचान करता है और मासिक आधार पर ज़िलों की रैंकिंग करके प्रगति को मापता है। यह रैंकिंग 5 व्यापक सामाजिक-आर्थिक विषयों – स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और बुनियादी ढाँचे – के अंतर्गत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPI) में हुई वृद्धिशील प्रगति पर आधारित है। आकांक्षी ज़िलों की डेल्टा रैंकिंग और सभी ज़िलों का प्रदर्शन चैंपियंस ऑफ़ चेंज डैशबोर्ड पर उपलब्ध है।
सरकार अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है – ” सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास “। उनकी क्षमता का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए, यह कार्यक्रम लोगों की बढ़ती अर्थव्यवस्था में पूर्ण भागीदारी की क्षमता में सुधार लाने पर केंद्रित है। जिलों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे पहले अपने राज्य के सर्वश्रेष्ठ जिलों की बराबरी करें, और फिर प्रतिस्पर्धी एवं सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों से प्रतिस्पर्धा करके और उनसे सीखकर देश के सर्वश्रेष्ठ जिलों में से एक बनने की आकांक्षा रखें।
नीति आयोग जिला स्तर पर प्रगति को तीव्र करने के लिए संबंधित मंत्रालयों और विभिन्न विकास भागीदारों के साथ मिलकर काम करता है। जिलों को सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने और दोहराने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है, जो सामाजिक-आर्थिक विषयों में सुधार को बढ़ावा देते हैं। आकांक्षी जिला कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीय बनाना है, जिससे राष्ट्र की प्रगति हो सके। आकांक्षी जिलों का प्रदर्शन “चैंपियंस ऑफ चेंज” नामक सार्वजनिक डोमेन पोर्टल championsofchange.gov.in पर उपलब्ध है।