जगदलपुर । जगदलपुर शहर में कई ऐसे मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं, जो बिना नगर निगम की अनुमति के अवैध रूप से खड़े कर दिए गए। नगर निगम ने ऐसे कई टावरों पर लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया है और रिकवरी की कार्रवाई भी की गई है। बीएसएनएल टावरों के साथ ही प्राइवेट कंपनियों के दर्जनों टावर अब भी विवादों में हैं। इसी कड़ी में शांति नगर वार्ड में इंडस्ट कंपनी द्वारा एक नया मोबाइल टावर लगाया जा रहा था, जिसका वार्डवासियों ने विरोध किया। वार्ड पार्षद ने तुरंत राजस्व विभाग के सभापति संग्राम सिंह राणा से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। कंपनी की ओर से दावा किया गया कि टावर लगाने के लिए कलेक्टर की अनुमति ली गई है, लेकिन नगर निगम को इसकी कोई जानकारी नहीं थी और ना ही टावर लगाने के लिए नगर निगम से कोई एनओसी जारी हुई थी।
स्थानीय लोगों के विरोध और पार्षद के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार कंपनी को टावर लगाने का काम रोकना पड़ा और उन्हें वापस लौटना पड़ा। पार्षद ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया बिना अनुमति के की जा रही थी, जिसे समय रहते रोका गया।वार्डवासियों ने टावर से निकलने वाले रेडिएशन पर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि इससे 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और छोटे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा ने भी पुष्टि की कि शहर में ऐसे कई अवैध टावर लगे हैं जिनकी जानकारी नगर निगम के पास नहीं है। सिर्फ शांति नगर वार्ड ही नहीं, पूरे शहर में करीब डेढ़ सौ से अधिक मोबाइल टावर लगे हैं, जिनमें कई इंडस्ट कंपनी के हैं और इनमें से कई पर अभी तक कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई है। वार्डवासियों की जागरूकता के चलते इस बार अवैध टावर नहीं लग पाया, लेकिन यह मामला एक संकेत है कि शहर के अन्य वार्डों में भी नागरिकों को इसी तरह सतर्क होकर अवैध गतिविधियों का विरोध करना चाहिए।