तहसीलदार-नायब तहसीलदार की हड़ताल से प्रशासन ठप, जनता परेशान

जगदलपुर ।  छत्तीसगढ़ में सरकार के खिलाफ अब वो अफसर सड़क पर हैं, जो खुद प्रशासन की रीढ़ माने जाते हैं। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की तीन दिन की सामूहिक हड़ताल का आज दूसरा दिन है। असर ऐसा कि बस्तर से लेकर बिलासपुर तक तहसील दफ्तरों के ताले लटके नजर आ रहे हैं, और आम लोगों के ज़रूरी काम अटक गए हैं।
जगदलपुर के मंडी परिसर में आज संभाग स्तरीय प्रदर्शन हुआ, जहां बस्तर संभाग के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार जुटे। इन अफसरों की मांगें कुल 17 हैं, जिन्हें लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ कई बार सरकार को ज्ञापन सौंप चुका है, लेकिन सरकार की चुप्पी अब विरोध में बदल चुकी है। 28 से 30 जुलाई तक पूरे प्रदेश में तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। हड़ताल की वजह से राजस्व से जुड़े काम जैसे नामांतरण, बंटवारा, प्रमाण पत्र बनवाना या अन्य ज़रूरी राजस्व का काम पूरी तरह ठप हो गए हैं। अब 30 जुलाई को राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय विशाल प्रदर्शन होगा, जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ से तहसीलदार जुटेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की लगातार अनदेखी और मांगों पर टालमटोल रवैये ने उन्हें ये कदम उठाने पर मजबूर किया है। संघ का कहना है कि ये अब तक का सबसे बड़ा और संगठित विरोध है। अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो आने वाले दिनों में और भी बड़ा आंदोलन होगा, जिसकी सीधी मार आम जनता पर पड़ेगी।

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