मृत व्यक्ति के नाम से संचालित हो रहा मां दंतेश्वरी ट्रामा एन्ड क्रिटिकल केयर अस्पताल, अव्यवस्था है भरमार….

बस्तर। छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल होने से निजी अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है, ऐसा ही एक मामला जगदलपुर शहर में भी सामने आया है जहां सारे नियमों को ताक में रखकर एक निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है ,और यहां मरीजों से बेहतर ईलाज के नाम पर मनमानी पैसे वसूले जा रहे हैं, दरअसल शहर के दलपत सागर वार्ड में स्थित मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर नाम का एक अस्पताल मृत व्यक्ति के नाम से पिछले दो सालों से संचालित हो रहा है, इस अस्पताल में सेवा दे रहे दो सरकारी डॉक्टरों ने इसकी जानकारी स्वास्थ विभाग को देना जरूरी नही समझा और 2 सालों से मृत व्यक्ति के नाम पर ही इस अस्पताल का संचालन हो रहा है, जानकारी के मुताबिक अस्पताल के प्रोपराइटर और इंचार्ज गल्ला जया कुमार रविचंद की साल 2023 में मौत हो गई, इसके बाद से उन्ही के नाम पर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है.. यही नहीं मरीजो के ईलाज के लिए जिन उपकरणों की सुविधा देने के नाम पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन किया गया, ऐसे कोई भी उपकरण अस्पताल में मौजूद नहीं है, वहीं अस्पताल में जिन डॉक्टरों की प्रैक्टिस के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में दस्तावेज जमा किए गए है उनमें से कई डॉक्टरो ने सेवा देना बंद कर दिया है और अस्पताल के जिम्मेदार बिना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इसकी जानकारी दिए ही नये डॉक्टरो से मरीज का ईलाज कराकर मोटी रकम वसूल रहे हैं….

जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल के इंचार्ज व प्रोपराइटर डॉ. गल्ला जया कुमार रविचंद्र की अस्पताल के खुले 2 साल बाद ही हार्ट अटैक से मौत हो गई ,उसके बाद इस अस्पताल का संचालन बिना डिग्री धारक के किया जा रहा है, हालांकि जरूर मुख्य स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में मौजूद अस्पताल के दस्तावेज में इस अस्पताल के पार्टनरशिप में दीपक बर्मन का नाम शामिल है, लेकिन दीपक बर्मन का कहना है कि उनके पास अस्पताल के संचालन लिए कोई डिग्री नहीं है,इस अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. लखन ठाकुर ने अपनी पत्नी अनिता ठाकुर और डॉ. वीरेंद्र ध्रुव के बेटे कृतीश ध्रुव के नाम से अस्पताल संचालन के लिए पार्टनरशिप कर ली लेकिन इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में नहीं दी गयी, प्रोपराइटर जया कुमार रविचंद्र के मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो को धोखे में रखकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है… जो कि नियम विरुद्ध है…
दीपक बर्मन का यह भी कहना है कि जिन दो सरकारी डॉक्टर लखन ठाकुर और वीरेंद्र ध्रुव के द्वारा मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर अस्पताल में अपनी सेवा दी जा रही है उन दोनों ने भारी रकम इस अस्पताल के संचालन के लिए लगाया है, वे खुद भी मानते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में मौजूद इस अस्पताल के दस्तावेज में कहीं भी मृतक जया कुमार रविचंद्र के साथ इन दोनों डॉक्टर की पार्टनरशिप नहीं दिखाई गई ,बावजूद इसके सारे नियमो को ताक में रखकर अस्पताल का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है….

खास बात यह है कि जिन उपकरणों का सरकारी दस्तावेज में जिक्र कर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराया गया है अस्पताल में ऐसी कोई भी उपकरण मौजूद नहीं है…. अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस, सिटी स्कैन,एमआरआई ,सोनोग्राफी मशीन जैसे जरूरी उपकरण यहां मौजूद ही नहीं है… बावजूद इसके धड़ल्ले से अस्पताल का संचालन हो रहा है….

इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक का कहना है कि नियम के मुताबिक मृत व्यक्ति के नाम से अस्पताल का संचालन नहीं किया जा सकता ,अस्पताल के लोगो के द्वारा कार्यालय में जो दस्तावेज जमा कराए गए है उसके मुताबिक मृतक गल्ला जया कुमार रविचंद्र के नाम से ही लाइसेंस अस्पताल संचालन के लिए दिया गया है, उनकी मौत के बाद फिर से नए दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होता है,लेकिन उनकी मौत के बाद कोई भी दस्तावेज या आवेदन स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिले ,मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस मामले की पूरी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी…..

Share :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *