जगदलपुर । नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के कर्मचारी पिछले 15 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अपनी मांगों को सरकार तक पहुँचाने के लिए उन्होंने अब बेहद अनोखा और भावनात्मक कदम उठाया है। कर्मचारियों ने अपने खून से 100 पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को भेजे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यह कदम उन्होंने मजबूरी में उठाया है, ताकि सरकार उनकी पीड़ा को समझे। उनका आरोप है कि पिछले कई वर्षों से 10 सूत्री मांगों को लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी एक भी नहीं सुन रही। सबसे बड़ी मांग नियमितीकरण की है, जो घोषणा पत्र में शामिल होने के बावजूद अब तक पूरी नहीं हुई है। कर्मचारियों का कहना है कि स्थायी नियुक्ति न मिलने से उनका भविष्य असुरक्षित है और परिवार आर्थिक संकट में जीने को मजबूर है। एनएचएम कर्मचारियों का यह विरोध अब भावनात्मक रूप ले चुका है और उनका कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी।
