सावन मास की शुरुआत पहले सोमवार का विशेष महत्व….जानिए आज के दिन का महत्व और पूजा विधि विधान ….

रायपुर । सावन का पहला सोमवार भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है और इस दिन शिव पूजा से कई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन सोमवार का पहला दिन: महत्व और पूजा विधि
सावन मास, भगवान शिव को समर्पित महीना होता है, और इस पूरे महीने में शिव भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सावन में पड़ने वाले सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है, खासकर पहला सोमवार, जो इस पवित्र महीने की शुरुआत का प्रतीक होता है।
सावन सोमवार के पहले दिन का महत्व:
भगवान शिव का प्रिय मास: पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इसी माह में समुद्र मंथन हुआ था और विषपान करने के बाद भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा की थी। देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित कर उनके शरीर की जलन को शांत किया था, इसलिए सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है।
मनोकामना पूर्ति: शिव पुराण में सावन सोमवार व्रत की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है, संतानहीन दंपतियों को संतान सुख मिलता है, और गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
ग्रह दोषों से मुक्ति: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन में व्रत करने से ग्रह दोष, कालसर्प दोष और चंद्र-राहु जैसे दोषों के प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं।
  सकारात्मक ऊर्जा का संचार: सावन सोमवार का व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और शुभता आती है। नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
  मोक्ष प्राप्ति: कुछ मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त पूरे सावन मास में श्रद्धा और नियमपूर्वक सोमवारी व्रत रखते हैं, उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार के पहले दिन की पूजा विधि:
सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपायों और पूजा विधि का पालन करना चाहिए:
  सुबह स्नान और स्वच्छ वस्त्र: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले व्रत का संकल्प लें। आप तय कर सकते हैं कि आप सप्ताह के सभी सोमवार व्रत रखेंगे या केवल पहला या एक विशेष सोमवार व्रत रखेंगे।
  शिव मंदिर या घर में पूजा: संभव हो तो किसी शिव मंदिर में जाएं। यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर के मंदिर में ही पूजा कर सकते हैं।
अभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। इसके बाद शहद, दही, घी और गन्ने के रस जैसे पंचामृत से अभिषेक करें।
सामग्री अर्पित करें: भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, शमी के पत्ते, सफेद फूल, भांग, चंदन का लेप, और भस्म अर्पित करें।
  पुष्प और प्रसाद: भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें। भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और नंदी महाराज को भी प्रसाद और फूल अर्पित करें।
  मंत्र जाप: ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
आरती और भोग: भगवान शिव की आरती करें और सात्विक चीजों का भोग लगाएं, जैसे घर की बनी खीर।
  व्रत कथा: पूजा के दौरान सावन सोमवार व्रत कथा अवश्य सुनें या पढ़ें। माना जाता है कि व्रत कथा का पाठ किए बिना पूजा और व्रत अधूरा रहता है।
  दान: सावन सोमवार के दिन काले तिल, सफेद वस्त्र या शिव मंदिर में जल अर्पण करना विशेष फलदायी माना जाता है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
  सावन में मांस, अंडा, मदिरा, लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजों से परहेज करें।
क्रोध, झूठ और अपशब्दों से बचें। वाणी पर संयम रखें।
यदि निर्जल व्रत नहीं रख सकते, तो दिनभर फलाहार (फल, दूध, साबूदाना, सिंघाड़ा, मूँगफली) और जल/नारियल पानी लेते रहें। अनाज और नमक से परहेज करें।
सावन का पहला सोमवार भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई पूजा से निश्चित रूप से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

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