मानसून आते ही बस्तर के जलप्रपात पूरे  शबाब पर, लेकिन सुरक्षा पर सवाल बरकरार

जगदलपुर । बस्तर में बारिश का मौसम आते ही नदी-नाले उफान पर होते हैं और यहां के जलप्रपात अपने पूरे शबाब पर। चित्रकोट जलप्रपात जिसे मिनी नियाग्रा कहा जाता है, तीरथगढ़ जलप्रपात जिसे बस्तर की जान कहा जाता है, चित्रकोट के पास स्थित मिनी गोवा और बेंद्री घूमड़ जैसे पर्यटन स्थल पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। लेकिन यही खूबसूरती कई बार जानलेवा भी साबित होती है। इस वर्ष अब तक चार पर्यटक अपनी जान गंवा चुके हैं। मिनी गोवा में डूबने से एक युवक, तीरथगढ़ में गिरने से एक पर्यटक और बेंद्री घूमड़ में एक युवक व एक युवती की मौत हो चुकी है। हर साल पर्यटन स्थलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के दावे किए जाते हैं, लेकिन हादसे हर बार उन दावों की पोल खोल देते हैं। बस्तर एएसपी का कहना है कि बारिश के मद्देनजर सभी जलप्रपातों और उफनती जगहों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। संबंधित थानों और चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है और निर्देश दिए गए हैं कि पर्यटकों को जलप्रपातों के अधिक करीब न जाने दिया जाए। हालांकि यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि सुरक्षा इंतजाम कितने कारगर हैं, क्योंकि हादसे अब भी थमे नहीं हैं। बारिश में बस्तर की खूबसूरती जरूर बढ़ जाती है, लेकिन साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं भी सामने आ जाती हैं।

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