सुकमा । सुकमा पुलिस को बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है…जिसमें एक करोड़ 18 लाख के कुल 13 नक्सलियों ने नक्सल विचारधारा छोड़कर मुख्य धारा में आने का फैसला किया है और सुकमा पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया है….
इसमें 14 पुरुष और 9 महिला शामिल है जिसमें डीवीसीएम से लेकर पार्टी सदस्य तक सभी नक्सली शामिल है…
आत्मसमर्पित नक्सलियों में 1 डीवीसीएम,06 पीपीसीएम ,04 एसीएम,12 पार्टी सदस्य शामिल
इस आत्मसमर्पण में शामिल माओवादी संगठन में डीवीसीएस के पद पर तैनात लोकेश भी शामिल है जो की 2012 में तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में मुख्य भूमिका निभाया था इसने बताया की कैसे उन्हें सूचना मिली की कलेक्टर दौरे में है और उसे सूचना के हिसाब से नक्सलियों ने प्लानिंग किया और कलेक्टर को किडनैप कर लिया था इसकी पूरी कहानी लोकेश ने बताई…..लोकेश के अनुसार सुकमा कलेक्टर के आने की खबर 2 दिन पहले से हमे मिली थी उसकी हमने तैयारी की थी,और मैं उस समय कलेक्टर को अगवा करने में शामिल था,कलेक्टर के गनमैन के द्वारा किये गए फायर से मेरे पैर की जांघ में गोली लगी थी,फिर हमारे साथियों ने उन्हें मार दिया,और हम कलेक्टर को लेकर चले गए…
इसके बाद इस आत्म समर्पण में सबसे महत्वपूर्ण खूंखार माओवादी लीडर हिड़मा का गनमैन कलमू केसा भी शामिल है….
केसा हिड़मा के साथ कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में भी शामिल था…. जब कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया गया था तब वो हिड़मा के साथ शामिल था केसा ने बताया कि वह उसे वक्त 300 नक्सलियों के साथ कर्रेगुट्टा में शामिल था जिसमें हिड़मा, देवा और चंद्रन्ना जैसे बड़े लीडर भी शामिल थे…
जब पुलिस ने चारों तरफ से सभी को घेर लिया और समझ आया कि अब नक्सली वहां से नहीं बच सकेंगे तो सभी नक्सली हिड़मा और देवा सहित बाकी नक्सली वहां से भाग निकलने में सफल हुए इस तरीके से केसा ने बताया कि कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में हिड़मा, देवा और चंद्रन्ना सभी मौजूद थे….
